15 दिस॰ 2024

Annapurna Jayanti

way Of Life Karma: अन्नपूर्णा जयंती

अन्नपूर्णा जयंती देवी अन्नपूर्णा को समर्पित एक पावन पर्व है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। देवी अन्नपूर्णा को भोजन, समृद्धि और पोषण की देवी माना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से मार्गशीर्ष माह के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

अन्नपूर्णा जयंती का महत्व:

1. देवी अन्नपूर्णा की आराधना:
देवी अन्नपूर्णा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में कभी अन्न का अभाव नहीं होता। यह पर्व सभी के लिए समृद्धि और संतोष का प्रतीक है।


2. भोजन का महत्व:
अन्नपूर्णा जयंती हमें अन्न और भोजन के महत्व को समझने और इसका सम्मान करने की प्रेरणा देती है।


3. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं देवी अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगकर भोजन प्राप्त किया था। इससे यह संदेश मिलता है कि संसार में अन्न का महत्व सभी के लिए समान है।

4. अन्नपूर्णा जयंती के दिन अन्न का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग उपवास करते हैं और शाम को अन्नपूर्णा देवी को भोग लगाते हैं।

 5. समृद्धि का आशीर्वाद:- माना जाता है कि अन्नपूर्णा देवी की कृपा से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।

 6. कष्टों का निवारण:- अन्नपूर्णा देवी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

 7- धार्मिक महत्व: अन्नपूर्णा जयंती का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

पूजा विधि:- 
• प्रातःकाल स्नान के बाद देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।

• उन्हें अक्षत, फूल, फल, और पकवान अर्पित करें।

• अन्न का दान करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है।

देवी के मंत्रों का जाप करें:- 

"ॐ अन्नपूर्णायै नमः"

भक्तगण इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं।


2024 में अन्नपूर्णा जयंती की तिथि:

अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी।

यह दिन हमें अन्न का आदर करने और समाज के हर व्यक्ति तक भोजन पहुंचाने का संदेश देता है।

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