WOLK: Maghi Purnima
माघी पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा को कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण तिथि होती है और विशेष रूप से स्नान, दान और तपस्या के लिए उत्तम मानी जाती है। इस दिन गंगा, यमुना, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघी पूर्णिमा 2025 तिथि और मुहूर्त:-
तिथि: 12 फरवरी 2025 (बुधवार)
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 फरवरी 2025 को रात 10:42 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025 को रात 08:13 बजे
माघी पूर्णिमा का महत्व :-
1. पवित्र स्नान: इस दिन गंगा, प्रयागराज, हरिद्वार, वाराणसी और अन्य तीर्थ स्थलों पर स्नान करने से विशेष फल मिलता है। माघ स्नान का यह अंतिम दिन होता है।
2. दान-पुण्य: इस दिन अन्न, वस्त्र, धन, तिल और गाय का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
3. भगवान विष्णु और शिव पूजन: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, सत्यनारायण व्रत और शिव पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
4. गंगा स्नान और कल्पवास: प्रयागराज में माघ मेले का समापन माघी पूर्णिमा पर होता है। जो श्रद्धालु पूरे महीने कल्पवास करते हैं, वे इस दिन दान करके व्रत का समापन करते हैं।
5. गुरु रविदास जयंती: माघी पूर्णिमा के दिन ही संत गुरु रविदास जी की जयंती भी मनाई जाती है।
माघी पूर्णिमा की कथा :-
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवताओं ने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया था। साथ ही, भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और राजा सत्यव्रत को प्रलय से बचाया था।
इस दिन क्या करें?
✔ गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
✔ दान-पुण्य करें, विशेष रूप से तिल और अन्न का दान करें।
✔ भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें।
✔ सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन करें।
✔ ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं।
निष्कर्ष :-
माघी पूर्णिमा न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और दान-पुण्य का भी उत्तम अवसर प्रदान करती है। इस दिन किए गए पुण्य कर्म जीवन में सुख-शांति और मोक्ष प्राप्ति में सहायक माने जाते हैं।
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