Who Harmed Religion and Devotion
श्रीमद्भागवत में स्पष्ट रूप से आया है की जब कलियुग ने गौ और गौवंश पर अत्याचार करना शुरू किया और राजा परीक्षित ने उनसे प्रश्न किया कि किसने धर्म और भक्ति को हानि पहुँचायी है तो धर्म बोल पड़ा ........
राजन, हमारे उपर होने वाले अत्याचार से हम तो नष्ट हो जाएँगे और जो अत्याचार करेंगे उन्हें पाप भी लगेगा पर उससे अधिक पाप उन्हें लगेगा जो चुपचाप धर्म की हानि होता हुआ देखेंगे या उन गौ वध करने वाले आततायियों से कोई संबंध रखेंगे ।
अतः वे सभी लोग जो आज चुप बैठे हैं या विधर्मियों से किसी भी प्रकार का व्यापारिक व्यवहारिक मानसिक संबंध रखे हैं वे सब भी उन सब कुकर्म ( जैसे रामनवमी पर पत्थर बाज़ी ) में सम्मिलित हैं ।और यदि आज भी न जगे तो दुर्दिन के लिए तैयार हो जाएँ ।
कायर बनकर या फिर " मुझे क्या " की मानसिकता वाले हिंदुनामधारी उन मलेच्छों से भी अधिक पापी हैं।
@wayoflifekarma
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