23 मार्च 2025

Shankha: Symbol of auspiciousness and positive energy

शंख: शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक

भारतीय सनातन संस्कृति में शंख का एक विशिष्ट स्थान है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में पवित्रता का प्रतीक है, बल्कि इसकी ध्वनि को सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का कारक माना गया है। शंख को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, जो समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त 14 रत्नों में से एक है। इसे आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी बेहद उपयोगी माना गया है।

पौराणिक महत्व

शास्त्रों के अनुसार, शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी, इसलिए इसे पवित्र और शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु के हाथ में पांचजन्य शंख का होना इस बात का प्रतीक है कि यह धर्म, शांति और शक्ति का वाहक है। महाभारत में उल्लेख है कि जब भगवान कृष्ण ने अपना पांचजन्य शंख बजाया, तो इसकी ध्वनि से कौरव सेना में भय व्याप्त हो गया था।

श्लोक:
पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनंजयः।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशंखं भीमकर्मा वृकोदरः॥
(- महाभारत, भगवद् गीता 1.15)

अर्थ:
भगवान कृष्ण ने पांचजन्य शंख बजाया, अर्जुन ने देवदत्त शंख और भीम ने पौण्ड्र शंख की ध्वनि से युद्धभूमि को गुंजायमान किया।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

शंख की ध्वनि केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी है।

स्वास्थ्य लाभ: शंख बजाने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।

ध्वनि तरंगों का प्रभाव: शंख की ध्वनि तरंगें वातावरण में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म जीवाणुओं को नष्ट करती हैं।

जल शुद्धि: शंख में पानी भरकर कुछ देर रखने से उसका पीएच स्तर सुधरता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

शंख के प्रकार

शंख मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जिनका धार्मिक और वास्तु शास्त्र में अलग-अलग महत्व है:

1. दक्षिणावर्ती शंख:

इसमें छेद दाईं ओर होता है।

इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।



2. वामावर्ती शंख:

इसका छेद बाईं ओर होता है।

यह पूजा-अर्चना में सर्वाधिक उपयोग किया जाता है।



3. गणेश शंख:

इसका आकार गणेश जी की आकृति जैसा होता है।

यह सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक है।


शंख बजाने के लाभ

1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: शंख की ध्वनि से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।


2. वास्तु दोष निवारण: वास्तु शास्त्र के अनुसार, शंख की ध्वनि से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।


3. धार्मिक अनुष्ठानों में महत्ता: पूजा-पाठ में शंख बजाने से देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।


4. स्वास्थ्य में सुधार: शंख बजाने से हृदय और फेफड़े मजबूत होते हैं।


शंख से जुड़ा श्लोक

पाणि ग्रहेत शंखं च सर्वकामार्थ सिद्धये।
दर्शनं पापनाशाय, स्पर्शनं शुभदायकम्॥

अर्थ:
शंख को हाथ में लेने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसका दर्शन पापों का नाश करता है और इसका स्पर्श शुभता प्रदान करता है।

निष्कर्ष

शंख केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं है, बल्कि यह सनातन संस्कृति की गहराई को दर्शाता है। इसकी ध्वनि में नकारात्मकता को समाप्त करने की शक्ति है, जो घर में सुख-शांति और समृद्धि लाती है। आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से शंख का महत्व अद्वितीय है।

अपने जीवन में शंख को शामिल करें और शुभता का स्वागत करें।
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