🌿✨ शुभ गोपाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! ✨🌿
📜 पद्म पुराण — कार्तिक माहात्म्य
शुक्लाष्टमी कार्तिके तु स्मृता गोपाष्टमी बुधैः।
तद्दिनाद् वासुदेवोऽभूद् गोपः पूर्वं तु वत्सपः॥
अर्थ:
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को विद्वानजन गोपाष्टमी कहते हैं।
इसी दिन से श्रीकृष्ण ने बछड़ों की सेवा छोड़कर गौमाता की सेवा प्रारंभ की —
अर्थात् वे उस दिन से गोप (ग्वाला) बने। 🐄💫
🌺 इस दिन भगवान श्रीकृष्ण एक योग्य गोपाल बने।
इस दिन से पहले वे केवल बछड़ों के रक्षक थे।
“इस प्रकार श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ कौमार अवस्था पार कर *पौगण्ड* अवस्था में प्रवेश करते हैं — यह अवस्था लगभग छठे वर्ष से दसवें वर्ष तक की होती है।
उस समय व्रज के ग्वाल-बालकों के पिता आपस में विचार-विमर्श करके यह निर्णय लेते हैं कि जो बालक पाँच वर्ष की आयु पार कर चुके हैं, उन्हें गौओं की चरवाही का कार्य सौंपा जाए।
इस प्रकार श्रीकृष्ण और बलराम को गौओं की सेवा का दायित्व दिया गया, और वे वृन्दावन की भूमि को अपने चरणकमलों से पवित्र करते हुए विचरण करने लगे।”
🙏 हरे कृष्ण! 🙏
🪔 शुभ गोपाष्टमी! 🪔



